पानी को स्टोर करने के लिए घरो में और व्यावसायिक इमारतों में पानी के टैंक बनाये जाते हे| मुख्यतया पानी के दो तरीके के टैंक होते हे |1 अंडरग्राउंड टैंक – यह टैंक जमीन के अंदर खुदाई कर के बनाये जाते हे जिनकी कैपेसिटी घरो में 5000 – 10000 लीटर तक होती हे और व्यावसायिक इमारतों में 1 लाख से 50 लाख लीटर तक होती हे |
२. ओवरहेड टैंक – या इमारतों की छत पर बनाये जाते हे जो की दो तरह के हो सकते हे | सीमेंटेड और प्लास्टिक और पी वी सी टैंक इनकी कैपेसिटी मुख्यतया 500 लीटर से 5000 लीटर तक घरो में और 50000 लीटर से 500000 तक व्यावसायिक इमारतों में होती हे.
इन्हे साफ़ करवाने की आवश्यकता क्यों होती हे|
पानी को जब टैंक में स्टोर किया जाता हे तो पानी के दो तरह की अशुद्धियाँ आती हे|
१. घुलनशील अशुद्धियाँ – वे अशुद्धियाँ जो पानी के अंदर घुल जातीहै और बिना केमिकल ट्रीटमेंट के इन्हे दूर नहीं किया जा सके | जैसे क्लोराइड्स, सल्फेट्स , सोडियम बाईकार्बोनेट्स, मैग्नीशियम , कैल्शियम और आयरन|
२. अघुलनशील अशुद्धियाँ – वे अशुद्धियाँ जो पानी के अंदर नहीं घुलती है और पानी के ठहरने के बाद पैंदे पे बैठ जाती हे| जैसे धुल,मिटटी , डस्ट , बारीक रेत, चुना , जंग आदि|
अघुलनशील अशुद्धियाँ धीरे धीरे पैंदे में जमा होती रहती हे तथा स्लज का निर्माण करती हे, एक साल में टैंक में १ प्रतिशत से १० प्रतिशत तक स्लज जमा हो जाता हे जो स्टोरेज कैपेसिटी को काम करता हे ,पानी की क्वालिटी को गिरता हे , इलेक्ट्रिक मोटर को डैमेज करता हे , और वाटर पाइप और नल आदि को डैमेज करता हे|टैंक की नियामत सफाई नहीं होने से आर औ वाटर फ़िल्टर डैमेज हो आते हे और ज्यादा सर्विस मांगते हे |
टैंक की सफाई करना क्यों मुश्किल हे |
निम्न कारणों से टैंक की सफाई खुद करना मुश्किल हो जाता हे और इसकी सफाई किसी एक्सपर्ट प्रोफ़ेशनल से करवानी होती हे |
- अंडरग्राउंड टैंक का मुँह बहुत छोटा होता हे जिसके अंदर घुसना मुश्किल होता हे |
- टैंक के अंदर सफाई करते समय हवा सिमित होती हे जिस ज्यादा समय अंदर रहने से सास लेने में दिक्कत होती हे|
- बिना मशीन एवं उपकरणों के सफाई करने में समय और लेबर ज्यादा लगती हे | और सफाई की क्वालिटी भी उतनी नहीं हो पाती हे|
- पानी के टैंक से पानी और मिटटी खींचने में बहुत मेहनत लगती हे|
- प्लास्टिक की टंकिया साफ़ करने में बहुत सफोकेशन होता हे क्योकि टंकियों का साइज बहुत काम होता हे और टंकियों के अंदर गन्दगी बहुत ज्यादा होती हे |
- डोमेस्टिक टैंक तो फिर भी घरों में कई लोग कर लेते हे लेकिन कमर्शियल और बड़ी बिल्डिंग्स में सफाई करवाने के लिए सफाई हे लिए प्रोफ़ेशनल को ही बुलाना पड़ता हे|
टैंक क्लीनिंग बिज़नेस एक आसान बिज़नेस
टैंक क्लीनिंग बिज़नेस कोई भी व्यक्ति अपने शहर में चालू कर सकता हे | क्योंकि हर शहर में इसकी बहुत डिमांड हे, शुरूआती इन्वेस्टमेंट भी बहुत काम हे| लगभग ५० हजार से १ लाख रुपये के इन्वेस्टमेंट के साथ २ से ३ मैनपावर के साथ भी इस बिज़नेस को चालू किया जा सकता हे| फेलियर के चांस बहुत काम हे अगर आप मेहनत से इस काम को करेंगे तो आपकी कमाई का जरिया बन सकता हे |
कैसे करे शुरुआत ?
सबसे पहले अपने शहर का मार्किट सर्वे करे | पहले से जो सर्विस प्रोवाइड कर रहे हे उन लोगो से कस्टमर की तरह मिले रेट्स और काम करने के तरीको के बारे में जाने | उसके बाद मैनपावर , मशीनरी , उपकरण आदि ख़रीदे और मार्केटिंग चालू कर अपने बिज़नेस को चालू करे |
ट्रेनिंग कहाँ से ले ?
इंटरनेट के ऊपर बहुत से वीडियो उपलब्ध हे वह से सीखे | अधिक ट्रेनिंग के लिए नीट ऐन क्लीन की वेबसाइट पर जा कर इनके टुटोरिअल देखे ब्लोग्स पढ़े , और जब सारे प्रोसेस के बारे में जानकारी ले ले , तुरंत अपने बिज़नेस को एक्सेक्यूटे करे|
वाटर टैंक क्लीनिंग का प्रोसेस (एक परिचय )
स्टेप – १
जिस भी कस्टमर के यहाँ क्लीनिंग के लिए जाना हो जाने के एक दिन पहले बुक करने की कोशिश करे और कस्टमर को कहे की टैंक में वाटर लेवल काम से काम रखने की कोशीश करे , जिस से की क्लीनिंग करते समय जब हम टैंक को खाली करे तो पानी कम से कम बर्बाद हो. सबसे पहले टैंक का इंस्पेक्शन करे| और निम्न बातो का ध्यान रखे|टैंक का साइज कितना हे |
टैंक में पानी कितना हे |
टैंक का मुँह कितना बड़ा हे |
टैंक के अंदर जाने के लिए सीढिया हे की नहीं |
इलेक्ट्रिक सप्लाई बंद हे की नहीं |
टैंक के अंदर कितना स्लज हे |
टैंक के अंदर से पानी निकलने के लिए पंप की आवश्यकता होती हे , पंप को पानी डाले और पुरे पानी को खाली करे |

Step – 2
पंप पानी का लेवल १-२ इंच तक ला देता हे बचा हुआ पानी वैक्यूम क्लीनर की मदद से बाहर निकाले| डोमेस्टिक और कमर्शियल वाटर टैंक क्लीनिंग के लिए ३० लीटर से ६० लीटर के ड्राई एंड वेट वैक्यूम क्लीनर की आवश्यकता होती हे | किसी भी बढ़िया कंपनी का वैक्यूम क्लीनर आप खरीद सकते हे , बशर्ते उस कंपनी का सर्विस सेंटर आपके शहर में या आपके शहर के आस पास उपलब्ध हो |
स्टेप – ३
पूरा पानी खाली करने के बाद बकेट में क्लीनिंग केमिकल ले कर टैंक की दीवारों पर फैलाये और ब्रश से और स्क्रेप्पिंग ब्लेड से स्क्रेप्पिंग करे और पूरी गन्दगी को साफ़ करे |

स्टेप – 4
स्क्रबिंग और स्क्रेप्पिंग के बाद वाटर प्रेशर जेट मशीन के साथ पुरे टैंक की वाशिंग करे और पूरी गन्दगी को पानी के प्रेशर के साथ साफ़ करे| वाशिंग के बाद बच हुए पानी को फिर से वैक्यूम क्लीनर की मदद से बाहर निकाले और फिर से एक बार वाश करे और वैक्यूम से गन्दा पानी बाहर निकाले | प्रोसेस को तब तक रिपीट करे जब तक की टैंक अच्छे से साफ़ ना हो जाए|

स्टेप – 5
वाशिंग और वाक्यूमिंग के बाद टैंक को ड्राई और क्लीन डस्टर/ कपडे से अच्छे तरह से सुखाये| और सुनिश्चित करे की टैंक के किसी भी हिस्से में पानी न हो, यदि पानी ज्यादा हो तो वाइपर और वैक्यूम की मदद ले| अच्छे से सुखाने के बाद अगले प्रोसेस को करे|
स्टेप – ६
टैंक को सुखाने के बाद अल्ट्रा वॉइलट (पारा बैंगनी) रेडिएशन से ५ – १५ मिनट तक टैंक को क्लोज कर के ट्रीट करे | अल्ट्रा वॉइलेट रेडिएशन एक स्पेशल तरह की लाइट होती हे जो की एंटी बैक्टीरियल की तरह काम करती हे |

स्टेप – ७
टैंक की क्लीनिंग के बाद टैंक का ढक्कन अचे से साफ़ करे टैंक के आस पास की जगह अच्छे से साफ़ करे और टैंक को सही तरीके से बंद करे | टैंक क्लीनिंग के १५-२० मिनट के बाद पानी भरा जा सकता हे | टैंक क्लीनिंग के बाद कस्टमर को दिखाए और क्लीनिंग से संतुष्ट करे और कोई कमी रह गयी हो तो उसे फिर से ठीक करे| क्योंकि ग्राहक संतुष्टि ही किसी भी बिज़नेस की सफलता का मूल मंत्र होता हे |
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